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Sunday, September 15, 2019

मेरी ममतामयी माँ

माँ तेरी पनाह में रहना मुझे अच्छा लगता है।
तेरी आँचल के छांव में रहना मुझे अच्छा लगता है।
वो मखमली रजाई और ए सी की हवा अच्छी नही लगती मुझे|
माँ मुझे हमेशा तेरी गोद मे सोना अच्छा लगता है।।

तेरी वो बचपन की लोरी और तेरा फटकार माँ,
वो डंडे की मार फिर ममता भारी दुलार माँ,
वो खाना खाले वाली जिद ,
घर पहुचने पर तेरी वो पहली दीद  ,
आज तो मैं बड़ा हो गया माँ और तुम कहती हो बच्चा लगता है।।
माँ मुझे हमेशा तेरी गोद मे सोना अच्छा लगता है।।

स्कूल के बैग में तुम किताबें ढूढ के रखती हो,
मैं कैसा रहूंगा क्या करूँगा मुझसे ज्यादा तूम सोचती हो,
आज दूर हूं तुमसे तो भी तुम सोच री होगी,
मुझे पता है माँ तुम हर रोज मेरा राह देख रही होगी ।।
मैं देख लिया जमाने की प्यार माँ मुझे तेरा प्यार सच्चा लगता है
माँ मुझे हमेशा तेरी गोद मे सोना अच्छा लगता है।।

लब से बिना कुछ बोले तुम सब कुछ समझ जाती हो।
थोड़ी सी चोट लगने पर तुम घबराकर दौड़ आती हो।
मन मे चिंता दिल मे भय आकर माथा चुम गले लग जाती हो।
जीवन मे हर रोज हर समय अपनी ममता का अंश दे जाती हो।
और मैं क्या बताऊँ मुझे अपनी ममतामयी माँ की प्यार करने का हर अंदाज सच्चा लगता है।।
माँ मुझे हमेशा तेरी  गोद मे सोना अच्छा लगता है।।

माँ वो सब पैसे ख़र्च हो गए जो ,
जो घर से आया तो पापा ने दिये थे।
जिंदगी के मुश्किलों में काम आए वो पैसे,
जो चुपके से तुमने मेरे जेब मे रख दिये थे।
माँ यहाँ सब कुछ है फिर भी हमेशा घर जाने की इच्छा लगता है
माँ मुझे हमेशा तेरी गोद मे सोना अच्छा लगता है।।

मोतीराम साहू 
9131308002

4 comments:

Unknown said...

👌👌👌👌😘❤

राजेश कुमार said...

�� सुपर भाई

मोतीराम (युवा लेखक ) said...

आप सभी का हृदय से आभार धन्यवाद

Unknown said...

Maa❤❤💯

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