नंद यशोदा के लाल हो तुम तुम्हारा मै गुणगान करूँ ।
शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मै प्रणाम करूँ।।
जन्म लिए हो जग तारण को मैं कैसे तुम्हारा बखान करूँ ,
शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मै प्रणाम करूँ ।।
कारावास में प्रकट हुए हो
यशोदा ने दुलराया है ।
जग को पाप मुक्त कराने
माँ पृथ्वी ने बुलवाया है ।
अपनी प्रेम राधा को देकर
गोकुल को समझाया है
जन जन की रक्षा के लिए
गोवर्धन पर्वत उठाया है ।
ऐसे ऐसे काम किये हो
नाश बढ़े दानव के किये हो
तुम ही बताओ मैं अब कैसे किस विधि तुम्हारा सम्मान करूँ।
शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको में प्रणाम करूँ।।
बड़े नटखट हो शैतान हो तुम
सब ग्वालन के प्राण हो तुम
लीला करके बड़े बड़े
जग में सबसे महान हो तुम
सबकी बातों को समझ कर
बनते बड़े अनजान हो तुम ।
फिर भी मुख से भोले भाले
लगते बड़े नादान हो तुम ।
तुम तो लीला के स्वामी हो
जग में तुम ही अन्तर्यामी हो
तुम ही बताओ भला में कैसे है कैसे तुम्हारा ध्यान करूँ।
शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको में प्रणाम करूँ।।
जग में सबको प्रेम सिखाने
तुम बनके ग्वालन आये हो
मुरली की धुन से मोहित करने
तुम बनके मोहन आये हो
और आये हो रास सिखाने को
तुम कन्हैया के वेष में ,
राक्षसों के नाश करने को तुम
लिए सुदर्शन आये हो ।
तुम बता दो मेरे कान्हा, कहा तुम्हारा डेरा है ।
नयन जिधर भी मेरा जाए लगता सबकुछ तेरा है
अब इतनी लीलाओं के लिए मैं कैसे 56 भोग इंतजाम करूँ।
शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मैं प्रणाम करूँ ।।
शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मैं प्रणाम करूँ ।।
🙏🙏
~ मोतीराम
1 comment:
बहुत सुंदर लेख ( कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं 💐)
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