हार गया मन मेरा आज फिर से एक बार
टूट गया स्वप्न मेरा आज फिर से एक बार
पुकार रहा दिल तुम्हे आज फिर से एक बार
गा रहा दिल मेरा आज फिर से एक बार
बुला रहा है मीत तेरा आ फिर से एक बार
लग गले मुस्कुरा दे आज फिर से एक बार
जो तुम गई तो रैन गया जीवन का सुख चैन गया
हर पल आंसू रोते हैं वो निंदियो वाली नैन गया
जीवन की संगिनी हो तुम और मेरा अभिमान भी तुम
सुख दुख की साथी हो तुम ओर मेरा पहचान भी तुम
हम तो तूझमे ही रहते हैं तुझमे जागते सोते हैं
तुम साथ रहो तो हँसते हैं जो दूर रहो तो रोते हैं
आशाओं की दुनिया मे हम जब भी ऐसे गुम हो जाते हैं
छोड़ जाए पूरी दुनिया पर तुमको साथ मे पाते हैं
✍मोतीराम
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