आज पूरा हिंदुस्तान रो रहा है
आंसू से धरा भिंगो रहा है
सबका मन विक्षुब्ध हो रहा है
शांत मन मे ज्वाला धधक रहा है
विक्षुब्ध हूँ इन सन्नाटो से
जो देश पे गिरा फर्राटे से
बंदूक गोलियों से एक बार मे मरते हैं दुश्मन
घर मे घुस के मारो इनको तमाचों से।
✍ मोतीराम
आंसू से धरा भिंगो रहा है
सबका मन विक्षुब्ध हो रहा है
शांत मन मे ज्वाला धधक रहा है
विक्षुब्ध हूँ इन सन्नाटो से
जो देश पे गिरा फर्राटे से
बंदूक गोलियों से एक बार मे मरते हैं दुश्मन
घर मे घुस के मारो इनको तमाचों से।
✍ मोतीराम
1 comment:
उत्कृष्ठ रचना एवं भावनुभिव्यक्ति......👌
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