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Friday, December 20, 2019

तेरी दौलत


मुश्किले भी हैं,गम भी हैं
तुम भी हो हम भी हैं।
तेरी बेरुकी भी हैं
तेरी मुस्कुराहट भी है।
तुम दूर भी हो 
तुम पास भी हो ।
साथ कोई नही 
फिर भी तेरी आहत सी है ।
सोचता हूं कभी की तुमको साथ रखु 
 तुम्हारा ख्याल तुम्हारी बाते 
सब मेरी चाहत सी है।
तुझमे ही तो खोया हु 
तुमको ही तो पाया हूं
लगता है तुझसे ही मेरी  जिंदगी की 
सब  इबादत सी है।।

तेरी सूरत की मुरीद में बैठा हूँ 
मैं भी कई जन्मों का भटकता हुआ
 तुमको देखकर लगता है हा अब राहत सी है।।

तुम आज समझ जाओ ये पंक्तियां मेरी
जो मेरी सिर्फ कहानी नही 
मेरी जिंदगी की हसरत भी है।।

आजमाना है तुमको तो आ जाओ 
आजमा लो मुझको आज 
तुमको भी पता तो चले 
ये सिर्फ रज नही तेरी दौलत भी है।।

    - मोतीराम 

2 comments:

Unknown said...

Bhut bdiya bhaiya

Unknown said...

Suparb bro ase hin lage raho mare bhai.

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