मेरे अल्फाज
एक ग़ज़ल सा दिल है मेरा ,
रख लो इसका लाज तुम।
गीत कोई चुन लिए हो,
तो सुना दो साज तुम।
मुझमे तो तुम यूं बसी हो
जैसे मेरी अल्फाज तुम।
गर है वफाये तुमको मुझसे ,
तो बता दो आज तुम।।
दिल की बाते ना छुपाओ ,
खुलकर बताओ राज तुम।
गर है वफाये तुमको मुझसे ,
तो बता दो आज तुम।।
मेरी मोहब्बत तो है पावन,
चाहे सौ जतन कर लो तुम।
बाद में हा करना मुझसे,
पहले अपना मन भर लो तुम।
मैं तो तुम पर सब रख दिया हु
जी गया और मर गया हूँ
तुम्हारी मर्जी अब चलेगी,
चाहो तो मुझपर मर लो तुम।।
कब करोगी ये बताओ,
इकरारे मोहब्बत का आगाज तुम
गर है वफाये तुमको मुझसे ,
तो बता दो आज तुम।।
- मोतीराम
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