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Saturday, April 23, 2022

मेरी किताब

 


शोर सन्नाटे भरी क्लास में शांत का अहसास,

मेरी किताब मेरी किताब, मेरी किताब मेरी किताब....।।


सदियों की बातों को खुद में समेटी हुई।

ज्ञान के समर को महज कुछ पन्नों में लपेटी हुई।


जो दिमाग की गहराई को एक पल में नाप लेती है

इसके साथ जो समय बिताये ये उसी के साथ हो लेती है।


दुनिया के हर सवालो का छुपा है इसमें जवाब

मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब ....।।


किताबें हृदय की चंचलता ,किताबें ही मन की उल्लास है

जो भी इसके गुणों को समझे यह रहती उसके पास है।


भटके हुए पथिकों को यह राह दिखाती है 

बच्चे बूढ़े और नवजवान सबको यह भाती है।।


इसके लिए सबके मन मे तारीफें हैं बेहिसाब 

मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब.....।।


#Worldbookday

~मोतीराम

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