माँ पापा के आंख का तारा दादा दादी का तू दुलारा है
सुंदर सा वह मुखड़ा देखो चाचा चाची को लगता प्यारा है।
जीवन की सब खुशियों को एक तुझपे ही वारा है
तेरे आने से रोशन हुआ यह परिवार हमारा है ।।
बहुत दिनों के लंबे इंतिजार के बाद
वह समय आ गया जब तुम आओगे
हमने भी ठान रखा था हम घर
तभी जाएंगे जब तुम आओगे ।।
रात की खबर से जब मन नही भरा
जब निकल पड़े सुबह तुमसे मिलने
रास्ते भर तुम्हारी बातें ओर सिर्फ एक प्रश्न
कब पहुचेंगे घर तुमसे मिलने ।।
ज्यों नजर तुम्हारा चेहरा आया
होश हमे कहा फिर आया ।
सुंदर सा वो मुखड़ा प्यारा
लगता चांद का टुकड़ा प्यारा।
सुंदर सुंदर आंखे प्यारी
मुखड़े की तो बात है न्यारी
मनमोहक वो छवि है प्यारी
तुम तो लगते हो गिरधारी
नटखट सोख अदाए करते
आस पास सब तुमपर मरते
सब पर ऐसा जादू डाले हो
नाम ना लेते सब मोहनी कहते।
गोद में लेकर तुमको प्यारे
मैं भी खूब इतराता हूँ
देख तुम्हारी हर मुस्कान
मैं दुनिया भूल जाता हूँ।
दुनिया की सारी दौलत सारी खुशियां वार दू
मेरे हिस्से में मीले सब चैन ओ सुकून वार दू
तेरे मुस्कुराने से ही खिलती है ये दुनिया मेरी
तू जो एक बार कहे तूझपे ये जीवन वार दू।।
~मोतीराम
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