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Thursday, February 21, 2019

शहादत

आज पूरा हिंदुस्तान रो रहा है
आंसू से धरा भिंगो रहा है
सबका मन विक्षुब्ध हो रहा है
शांत मन मे ज्वाला धधक रहा है



विक्षुब्ध हूँ इन सन्नाटो से
जो देश पे गिरा फर्राटे से
बंदूक गोलियों से एक बार मे मरते हैं दुश्मन
घर मे घुस के मारो इनको तमाचों से।

 ✍ मोतीराम

1 comment:

Kripendra tiwari said...

उत्कृष्ठ रचना एवं भावनुभिव्यक्ति......👌

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