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Wednesday, June 12, 2019

मुलाकात फिर से करनी है




वो शाम वाली मुलाकात फिर से करनी है
हा हमे तुमसे बात फिर से करनी है
जिन बूंदों में तुम साथ मेरे रहो
हा वही बरसात फिर से करनी है।।

ख्वाब तो आते है हर रात में
जब तुम साथ रहो वो रात फिर से करनी है।

बहुत हो गई दोस्ती हमारी अब
मोहब्बत वाली जज़्बात फिर से करनी है।

वो कोल्डड्रिंक का बहाना
वो रूठना मानना तुम्हारे साथ फिर से करनी है।

किबातो वाली दोस्ती और शरारत वाली मस्ती
साथ तुम्हारे वो हालात फिर से करनी है।

तुम्हारे साथ वो बात वो मुलाकात, वो शुरुआत
फिर से करनी है।
हा हमे तुम से बात फिर से करनी है।।
वो शाम वाली मुलाकात फिर से करनी है।।

मोतीराम







9 comments:

Unknown said...

Very beautiful lines

Ramcharit solanki 😎 said...

Heart touching❤💖
moti bhai

मोतीराम (युवा लेखक ) said...

धन्यवाद

Kripendra tiwari said...

😍😍😍😘😘
👌👌💐💐

मोतीराम (युवा लेखक ) said...

🙏🙏🍫🍫

Unknown said...

Your poetry shows your humanity, you are a very good person, it touched heart after reading your poem 👌🤗

Unknown said...

Your poetry shows your humanity, you are a very good person, it touched heart after reading your poem 👌🤗

Unknown said...

This poem shows your humanity, you are a very good person heart touched your poem you will be the best writer👌🤗

Unknown said...

Your poetry shows your humanity, you are a very good person, it touched heart after reading your poem 👌🤗

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