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Monday, October 9, 2023

खुशियों की सौगात

 

फूल कोई तुम्हे भी मिल जाएगा 

सब्र थोड़ा करो वह खिल जाएगा 

राह में उनसे हसकर मिलो तो जरा,

जख्म दिल के सभी सील जाएगा।


तुमको पा लेना बस तो मुनासिब नही 

तेरा हो जाना बस तो मुनासिब नही

यू तो दुनिया बहुत बड़ी हो गई, 

दो कदम साथ चल ले मुनासिब नही।


एक मैं हूँ और तुम मेरे साथ हो 

हाथ मेरे सदा ही तेरे हाथ हो 

आज कल तो यूही बीत जाएगा सुन,

है ये ख्वाहिश की तुमसे उम्रभर बात हो।


ये जवानी के दिन भी तो कुछ खास है 

दिल मे रहता अलग ये अहसास है। 

चाहे कितना भी करलो जतन रात दिन 

पर ये दिल है इसकी सदा ही कुछ प्यास है।


पास मेरे कभी तुम आओ तो सही 

प्यार की गीत कोई सुनाओ तो सही 

ये सफर जिंदगी ऐसे चलता रहे 

बैठ कर साथ तुम कुछ सुनाओ तो सही।।


तुम्हरे चेहरे में ये जो अलग बात है 

रोज होती ये दिल की मुलाकात है। 

तुमको देखे बिना चैन आये तो कैसे,

एक तू ही तो मेरी खुशियों की सौगात है।


मोतीराम

Wednesday, September 14, 2022

ख़्वाबों की दुनियां

 शुरुआत थी सफर की और ये ऑंख उस पर आई थी।

किसी और से बाते करते जिसने मेरी चैन चुराई थी।


दिल तो किया पास जाकर उससे दोस्ती कर लूं,लेकिन,

इससे पहले मैं कुछ कहता उसकी पहचान किसी और ने कराई थी।।


मैने जो कहा आओ साथ बैठते हैं तो झट से मंजूरी हो गई ।

जैसे ही वह पास आई लगा जिंदगी की सारी कमी पूरी हो गई।


उसकी बातों में बचपना था और होंठो पर प्यारी मुस्कान थी,

थोड़े ही समय में मेरी सब कुछ बन गई जो तब तक मेरसे अनजान थी।


वो खिड़की से आती ठंडी ठंडी हवा और उसकी जुल्फों का यूँ उड़ना।

चेहरे को चूमती हुई जुल्फे फिर बड़े प्यार से मुस्कुरा कर उसे पीछे करना।


कुछ बात थी उसमे की मेरा दिल उसकी हर मुस्कान पर मचलती थी।

जब भी गाड़ी रुकती तो हाथ पकड़ वह मेरे साथ चलती थी।।


कुछ ही समय मे बढ़ गई मोहब्बत और उसकी आंखों में मेरे लिए इबादत थी।

मैं भी मोहब्बत के ख्वाब बुनता गया, उसकी निगाहें बता रही थी मुझे इजाजत थी।।


जब वह पानी पीती तो कुछ बूंदे गंगाजल सी झलकाती थी।

खाना पहले मुझे खिलाती बाद स्वयं वह खाती थी। 


मेरी अंजुरी की रेखा पर वह अपनी जीवन बुनती थी।

मुख से मेरे जो कुछ निकलता ध्यान लगा वह सुनती थी।


कांधे पे मेरे सिर रख कर वो चुपके से सो जाती थी।

बाह पकड़ ख्वाब बुनती फिर मुझमे ही खो जाती थी।


ये सारी काल्पनिक बातें अब मुझको बड़ा सताती है

जब भी वो ख्वाबों की लड़की मेरे ख्वाबों में आ जाती है ।


ख्वाबों की दुनिया तो सिर्फ ख्वाबों में रह जाती है 

मैं जब भी सफर में जाता हूँ वो लड़की गुम हो जाती है।


~मोतीराम



Thursday, August 18, 2022

यशोदा के लाल :- मोतीराम



 नंद यशोदा के लाल हो तुम तुम्हारा मै गुणगान करूँ ।

शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मै प्रणाम करूँ।। 


जन्म लिए हो जग तारण को मैं कैसे तुम्हारा बखान करूँ ,

शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मै प्रणाम करूँ ।।


कारावास में प्रकट हुए हो 

यशोदा ने दुलराया है । 

जग को पाप मुक्त कराने 

माँ पृथ्वी ने बुलवाया है । 

अपनी प्रेम राधा को देकर 

गोकुल को समझाया है 

जन जन की रक्षा के लिए 

गोवर्धन पर्वत उठाया है । 


ऐसे ऐसे काम किये हो 

नाश बढ़े दानव के किये हो 

तुम ही बताओ मैं अब कैसे किस विधि तुम्हारा सम्मान करूँ।

शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको में प्रणाम करूँ।।


बड़े नटखट हो शैतान हो तुम 

सब ग्वालन के प्राण हो तुम 

लीला करके बड़े बड़े 

जग में सबसे महान हो तुम 

सबकी बातों को समझ कर 

बनते बड़े अनजान हो तुम । 

फिर भी मुख से भोले भाले 

लगते बड़े नादान हो तुम । 


तुम तो लीला के स्वामी हो 

जग में तुम ही अन्तर्यामी हो 

तुम ही बताओ भला में कैसे है कैसे तुम्हारा ध्यान करूँ। 

शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको में प्रणाम करूँ।।


जग में सबको प्रेम सिखाने 

तुम बनके ग्वालन आये हो 

मुरली की धुन से मोहित करने 

तुम बनके मोहन आये हो 

और आये हो रास सिखाने को 

तुम कन्हैया के वेष में , 

राक्षसों के नाश करने को तुम 

लिए सुदर्शन आये हो ।


तुम बता दो मेरे कान्हा, कहा तुम्हारा डेरा है । 

नयन जिधर भी मेरा जाए लगता सबकुछ तेरा है 

अब इतनी लीलाओं के लिए मैं कैसे 56 भोग इंतजाम करूँ। 

शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मैं प्रणाम करूँ ।।

शीश नवा कर हाथ जोड़कर तुमको मैं प्रणाम करूँ ।।

🙏🙏

 ~ मोतीराम

Saturday, April 30, 2022

राहगीरों की महफ़िल :- मजदूर दिवस

 


राहगीरों की महफ़िल में मैं जब भी बैठ जाता हूं,

दुनिया भर की महल अटारी अमीरी भूल जाता हूं।

साथ मे इनके यूं मस्त मगन हो काफिर बन जाता हूं,

जीवन की ये रीत सिखाते मैं मुसाफिर बन जाता हूं।।


देख जमाने की रुसवाई आंख भी भर आता है,

दुनिया की इस लाचारी से मेरा मन बड़ा घबराता है,

लाले पड़े हैं रहने के ,कपड़ो के और निवालों के,

पीड़ा सुन सुन मैं अंतर्मन से दुखी हो जाता हूं।।

राहगीरों की महफ़िल में मैं जब भी बैठ जाता हूं

दुनिया भर की महल अटारी अमीरी भूल जाता हूं।।

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कुछ बच्चे हैं जिनको पढ़ना है कुछ को आगे बढ़ना है

कमी यहाँ है पैसों की कुछ को पत्थर पर सिर मढ़ना है

बातें सुन सुन बच्चों की माँ बाप के आंसू आते हैं

जब उन्हें छोड़ उनकी संताने शहर की ओर चले जाते हैं।।


तब मैं भी कुछ सहमा से कुछ डरा से खुद को पाता हूं।

होता यह सब सामने मेरे और मैं कुछ भी नही कर पाता हूं।।

राहगीरों की महफ़िल में मैं जब भी बैठ जाता हूं

दुनिया भर की महल अटारी अमीरी भूल जाता हूं।।


सोचता हूँ करू जतन कैसे मैं इस लाचारी की 

सर से लेकर पांव तक फैली इस बीमारी की 

मिलकर रहने और मेहनत करने की बात मैं सबको बतलाता हूं।

क्योंकि मैं भी कई कई रातों में भूखा ही सो जाता हूं ।।

राहगीरों की महफ़िल में मैं जब भी बैठ जाता हूं,

दुनिया भर की महल अटारी अमीरी भूल जाता हूं।।


#Worldlabourday

  ~मोतीराम 

Saturday, April 23, 2022

मेरी किताब

 


शोर सन्नाटे भरी क्लास में शांत का अहसास,

मेरी किताब मेरी किताब, मेरी किताब मेरी किताब....।।


सदियों की बातों को खुद में समेटी हुई।

ज्ञान के समर को महज कुछ पन्नों में लपेटी हुई।


जो दिमाग की गहराई को एक पल में नाप लेती है

इसके साथ जो समय बिताये ये उसी के साथ हो लेती है।


दुनिया के हर सवालो का छुपा है इसमें जवाब

मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब ....।।


किताबें हृदय की चंचलता ,किताबें ही मन की उल्लास है

जो भी इसके गुणों को समझे यह रहती उसके पास है।


भटके हुए पथिकों को यह राह दिखाती है 

बच्चे बूढ़े और नवजवान सबको यह भाती है।।


इसके लिए सबके मन मे तारीफें हैं बेहिसाब 

मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब मेरी किताब.....।।


#Worldbookday

~मोतीराम

Wednesday, April 13, 2022

नन्हें मेहमान

 


माँ पापा के आंख का तारा दादा दादी का तू दुलारा है 

सुंदर सा वह मुखड़ा देखो चाचा चाची को लगता प्यारा है।

जीवन की सब खुशियों को एक तुझपे ही वारा है

तेरे आने से रोशन हुआ यह परिवार हमारा है ।।


बहुत दिनों के लंबे इंतिजार के बाद

वह समय आ गया जब तुम आओगे

हमने भी ठान रखा था हम घर 

तभी जाएंगे जब तुम आओगे ।।


रात की खबर से जब मन नही भरा

जब निकल पड़े सुबह तुमसे मिलने 

रास्ते भर तुम्हारी बातें ओर सिर्फ एक प्रश्न

कब पहुचेंगे घर तुमसे मिलने ।।


ज्यों नजर तुम्हारा चेहरा आया 

होश हमे कहा फिर आया ।

सुंदर सा वो मुखड़ा  प्यारा

लगता चांद का टुकड़ा प्यारा।


सुंदर सुंदर आंखे प्यारी 

मुखड़े की तो बात है न्यारी

मनमोहक वो छवि है प्यारी 

तुम तो लगते हो गिरधारी


नटखट सोख अदाए करते

आस पास सब तुमपर मरते

सब पर ऐसा जादू डाले हो

नाम ना लेते सब मोहनी कहते।


गोद में लेकर तुमको प्यारे

मैं भी खूब इतराता हूँ

देख तुम्हारी हर मुस्कान

मैं दुनिया भूल  जाता हूँ।


दुनिया की सारी दौलत सारी खुशियां वार दू

मेरे हिस्से में मीले सब चैन ओ सुकून वार दू

तेरे मुस्कुराने से ही खिलती है ये दुनिया मेरी

तू जो एक बार कहे तूझपे ये जीवन वार दू।।


~मोतीराम

Saturday, April 9, 2022

यादों की डगर

 


लाख पुकारे दिल तुझको पर

दिल मेरा तो उलझन में है,

पतझर से इस मौसम में भी 

दिल को लगता सावन में है।


मैं इसको समझाऊं कितना

मैं इसको बहलाऊँ कितना

दिल तो बस तेरा होना चाहे 

सिर्फ तुझमे ही खोना चाहे

यादों की तेरी डगर में बैठे

बस तुझको ही पाना चाहे।


विचरण करता है यह देखो

जंगल जंगल उपवन में

इस मन से उस मन मे

फिर उस मन से इस मन मे।


आंखों से तू जब ओझल होती है

निंदिया मेरी फिर कब सोती हैं

राह निहारे पलके मेरी 

सिर्फ एक तू ही तू दिखती है ।


आस है मुझको तुम आओगी

ढेरों खुशियां फिर लाओगी

भरकर अपनी बांहो में मुझको

हक अपना मुझपे जताओगी।।


अब दूर नही जाना जाना

साथ मेरे रह जाना जाना

हो मुश्किल गर जीवन मे तो

खुलकर मुझे बतलाना जाना ।।


तुम राह हो मेरी 

और तुम ही मंजिल हो

कश्ती भी तुम

और तुम ही साहिल हो।।

जीवन पथ में मुझको जाना

सिर्फ एक तुम तुम ही हासिल हो।।


   ~मोतीराम

Tuesday, February 1, 2022

जब भी तुम ..

 

जब भी तुम खुद को तन्हा पाओगे,

आस पास मुझे हर लम्हा पाओगे।


दिल की बातें मुझसे कहना चाहोगे ,

पास आकर सदा साथ रहना चाहोगे।


मेरी बातें जब भी तुमको याद आएगी,

हल्की मुस्कान के साथ मिलने की फरियाद लाएगी।


तेरी मुस्कुराहटों के पीछे का गम हम जानते हैं,

इसलिए खुदा से बढ़कर तुझे हम मानते हैं।


ये रिश्ता तेरा मेरा हर रिश्ते से बड़ा है,

लोग सिर्फ यह कहते हैं, हम मानते हैं।


मेरी मोहब्बत की अहसासों में सिर्फ तुम रहती हो,

दूर ना जाना कभी पास आकर कानों में कहती हो।


साथ रहूंगा हमेशा तुम्हारे यह वादा रहा,

जीवन पथ में साथ देने का गर तुम्हारा इरादा रहा।।


     ~मोतीराम💝

खुशियों की सौगात

  फूल कोई तुम्हे भी मिल जाएगा  सब्र थोड़ा करो वह खिल जाएगा  राह में उनसे हसकर मिलो तो जरा, जख्म दिल के सभी सील जाएगा। तुमको पा लेना बस तो मु...